Solar Battery

इनवर्टर बैटरी कितने प्रकार के होते हैं

इनवर्टर बैटरी कितने प्रकार के होते हैं

इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं कि इनवर्टर की बैटरी कितने प्रकार की होती है और कितने साइज की होती है और इनमें से बेस्ट बैटरी कौन सी है यानी हमें अपने घर में कौन सी बैटरी इनमें से लगानी चाहिए तो आपने अभी तक सुना हुआ कि ट्यूबलर बैटरी फ्लैट प्लेट बैटरी लिथियम बैटरीज नाम जरूर सुने होंगे या फिर आपने बैटरी देखी भी होगी लेकिन उनके बारे में आपको शायद यह नहीं पता हुआ कि इनका क्या काम होता है.

इनमें से कौन सी बैटरी का बैटरी बैकअप ज्यादा होता है कौन से बैटरी हमें कहां पर यूज करनी चाहिए तो इनके बारे में बहुत से लोगों को अभी तक जानकारी नहीं है तो इस पोस्ट में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं कि इनवर्टर की जो बैटरी होती है वह कितने टाइप की होती है हमारे घर के लिए बेस्ट इनवर्टर बैटरी कौन सी रहेगी तो इसकी पूरी जानकारी हमें आपको यहां पर देने वाले हैं.

तो यदि आप भी इसके बारे में पूरी डिटेल से जाना चाहते हैं तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर लास्ट तक जरूरत पड़े तो शुरू करते हैं.काफी सालों पहले से ही हमारी एक ट्रेडिशनल बैटरी चली आ रही है जिसे हम लेड एसिड बैटरी कहते हैं और आज के समय में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता जा रहा है काफी सारी टेक्नोलॉजी की बैटरी आ गई है लेकिन लेड एसिड बैटरी हमारी पुराने समय से ही चली आ रही है.

इनवर्टर बैटरी कितने प्रकार के होते हैं

इसके भी काफी सारे टाइप है यह बैटरी आपको 1 मिड रेंज में लो रेंज में और हाई प्राइस में मिल जाती है यानी कि यदि आपका बजट कम है तो भी आप इस बैटरी खरीद सकते हैं आपके पास मीडियम प्राइस है यानी आपके पास ठीक-ठाक बजट है और आप चाहते हैं कि हमें बढ़िया बैटरी मिले तो आपको वह भी मिल जाती है और यदि आपके पास पैसे ज्यादा है और आप चाहते हैं कि हमें बेस्ट बैटरी चाहिए तो वह भी आपको मिल जाती है.

यानी कि आपके बजट के हिसाब से आप इनमें से बैटरी अपनी ले सकती है और अपना काम चला सकते हैं लेकिन अभी मार्केट में लिथियम बैटरी आई हुई है जो कि बहुत ज्यादा ट्रेनिंग में अभी चल रही है लेकिन इसका बजट बहुत ज्यादा है इस बैटरी को एक नॉर्मल घर अफोर्ड नहीं कर सकते हैं क्योंकि जहां पर हमारी एक लेड एसिड 150Ah की 12 वोल्ट की बैटरी 12 से 13 हजार में मिल जाती है.

वही हमारी एक 150Ah और 12 वोल्ट की बैटरी हमें 50,000 के करीब देखने को मिलेगी तो इतना बजट हर किसी के पास नहीं होता है जो कि इस लिथियम फास्फेट बैटरी को खरीद सके. हाँ यह बात है की इस लिथियम फास्फेट बैटरी के फायदे बहुत ज्यादा है यह आपको बैटरी बैकअप बहुत ज्यादा देती है और इसमें आपकी बिजली की भी काफी बचत हो जाती है और बिजली बिल की भी काफी बचत हो जाती है.

लेकिन फिर भी जहां पर बात आती है एक साथ हमें 50,000 रूपये देने की तो वहां पर जो नॉर्मल घर के लोग होते हैं वह लगभग हमारी लेड एसिड बैटरी को ही चुनेंगे क्योंकि यह आपको 12 से 13 हजार रूपये में मिल जाती है और यह आपको आराम से दो-तीन साल तक की बैटरी लाइफ दे देती है.

लेकिन यदि आपको लॉन्ग पावर बैकअप की जरूरत है और यदि आपके पास बजट अच्छा है तब आप लिथियम बैटरी की तरफ जा सकते हैं तो यहां पर हम सबसे पहले बात कर लेते हैं हमारी लेड एसिड बैटरी के बारे में कि लेड एसिड बैटरी कितने प्रकार की होती है

लेड एसिड बैटरी

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लेड एसिड बैटरी को हम कम से कम 100 साल पहले से इस्तेमाल करते आ रहें है और यह कोई नई टेक्नोलॉजी नहीं है इस बैटरी में कम्पनीयों ने धीरे – धीरे थोड़े थोड़े बदलाव किये और यह बैटरी इम्प्रूव होती गई और आज के समय में जो ये लेड एसिड बैटरी है इसका सबसे नया रूप हमारे पास है लेड एसिड बैटरी के काफी ज्यादा फायदे है और नुकसान भी है इस लेड एसिड बैटरी का एक बच्चे की तरह ध्यान रखना पड़ता है यानि की इसकी मेंटेनेंस बहुत ज्यादा है.

जैसे इस बैटरी में हर महीने या फिर 40 दिन में 1 बार पानी डालना पड़ता है इस बैटरी के टर्मिनल के ऊपर कार्बन आ जाता है उसका कार्बन को साफ करना पड़ता है इस तरह की काफी सारी समस्या इस बैटरी के साथ आती है जिस कारण से इस बैटरी पर ध्यान देना पड़ता है तो इस वजह से कस्टमर कहीं ना कहीं थोड़ा सा परेशान हो गया है और इन्ही डिसएडवांटेज को देखते हुए कंपनी ने लिथियम बैटरी की शुरुआत की है तो चलिए जानते हैं लेड एसिड बैटरी के टाइप के बारे में.

1. फ्लैट प्लेट बैटरी

लेड एसिड बैटरी में सबसे पहले आती है फ्लैट प्लेट बैटरी यह बैटरी साइज में थोड़ी छोटी होती है और इसकी लम्बाई थोड़ी ज्यादा होती है इसके अंदर जो प्लेट होती है वह लंबे साइज की होती है इसलिए इसको फ्लैट प्लेट बैटरी कहा जाता है और क्योंकि यह लेड एसिड बैटरी है इसलिए इसके अंदर पानी भी डाला जाता है तो इसका साइज छोटा होने के कारण इस बैटरी के अंदर पानी जो है.

वह कम आता है इसलिए इसका बैटरी बैकअप थोड़ा सा कम होता है लेकिन इसका प्राइस भी थोड़ा सा कम हो जाता है इस बैटरी को आप वहां पर यूज कर सकते हैं जहां पर आपके घर में मान लीजिए मैन सप्लाई बार-बार आती जाती रहती है कुछ समय के लिए और थोड़ी देर के लिए आपको बैटरी बैकअप की जरूरत है.

तो फिर आप इस फ्लैट प्लेट बैटरी को यूज कर सकते हैं और यदि आपको बैटरी बैकअप की ज्यादा जरूरत है तो फिर आप इस बैटरी को यूज नहीं कर पाएंगे क्योंकि यह छोटे साइज की बैटरी हो जाती है यदि आपको बैटरी बैकअप की ज्यादा जरूरत है तो आपको दूसरे टाइप की बैटरी लेनी होगी

2. ट्यूबलर बैटरी

नंबर दो पर है हमारी ट्यूबलर बैटरी तो ट्यूबलर बैटरी का इस्तेमाल आज हर घर में किया जा रहा है लगभग आपको किसी भी घर में यदि आप देखेंगे तो वहां पर इन्वर्टर के नीचे आपको ट्यूबलर बैटरी देखने को मिलेगी क्योंकि इस बैटरी का एक तो बैटरी बैकअप ज्यादा होता है और इसके ऊपर आप हेवी लोड भी चला सकते हैं.

बड़े-बड़े सोलर सिस्टम के अंदर भी दोस्तो इसी बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह बैटरी साइज में थोड़ी बड़ी होती है इसलिए इसमें एसिड और पानी ज्यादा आता है तो इसका बैटरी बैकअप ज्यादा हो जाता है और इसका प्राइस थोड़ा सा ज्यादा होता है लेकिन इसका बैटरी बैकअप बहुत ज्यादा होता है तो यदि आपको अपने घर में बैटरी बैकअप की ज्यादा जरूरत है.

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या फिर आपने दुकान या ऑफिस के लिए इनवर्टर बैटरी की जरूरत है जहां पर आपको ज्यादा लोड ज्यादा देर के लिए चलाना है तो आप ट्यूबलर बैटरी को ले सकते हैं यह बैटरी एक तो आपको बैटरी बैकअप भी ज्यादा देती है दूसरा इसकी लाइफ जो है वह भी ज्यादा होती है जबकि हमारी फ्लैट प्लेट बैटरी की लाइफ जो वह कम होती है लेकिन इस बैटरी की लाइफ जो है.

वह ज्यादा होती है इसलिए लोग इस बैटरी को ज्यादा लेते हैं और इस बैटरी का प्राइस डिपेंड करता है बैटरी की वारंटी और बैटरी की Ah रेटिंग के ऊपर यानी जितनी ज्यादा Ah और जितनी ज्यादा वारंटी वाली बैटरी आप लेंगे उसका प्राइस उतना ही ज्यादा हो जाएगा

3. जेल बैटरी

जेल बैटरी एकदम साफ सुथरी बैटरी होती है क्योंकि इस बैटरी के अंदर जेल डाला जाता है और जेल डालकर बैटरी को अच्छे से बंद कर दिया जाता है जिसके बाद बैटरी के अंदर से ना तो कोई एसिड बहार निकलता है ना ही किसी प्रकार का कोई पानी वगैरह बाहर निकलता है आपने अच्छी तरह से बंद कर दिया उसी तरह से साफ सुथरी यह बैटरी पड़ी रहती है लेकिन हमारी जो दूसरी बैटरी है.

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जैसे फ्लैट प्लेट बैटरी हो या ट्यूबलर बैटरी इनके अंदर से कभी कबार यदि हम पानी ज्यादा डाल देते हैं तो वह बाहर निकल आता है लेकिन इसके अंदर ऐसी कोई समस्या देखने को नहीं मिलेगी तो इस बैटरी की भी बैटरी लाइक थोड़ी ज्यादा होती है लेकिन इसका प्राइस भी ज्यादा होता है और इसके ऊपर भी आप सभी लोड चला सकते हैं.

4. सोलर बैटरी

लेड एसिड बैटरी के अंदर हमारी सबसे बेस्ट बैटरी है सोलर बैटरी क्योंकि इस बैटरी को एक तो सोलर पैनल से और सोलर सिस्टम से आप इसको जल्दी चार्ज कर सकते हैं यदि आप इसके ऊपर एक सोलर पैनल भी लगा देते हैं तो वह भी इस बैटरी को आसानी से चार्ज कर सकता है और यदि आप इसे मैन सप्लाई से चार्ज करते हैं यानी फेस सप्लाई से चार्ज करते हैं तो भी यह बैटरी जल्दी चार्ज हो जाती है.

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इसका बैटरी बैकअप भी ज्यादा होता है तो यह सोलर ट्यूबलर बैटरी आती है तो ट्यूबलर बैटरी का वैसे भी बैटरी बैकअप ज्यादा होता है और लाइफ साइकिल ज्यादा होता है तो यह सोलर और ट्यूबलर बैटरी है तो इसका लाइफ साइकिल और बैटरी बैकअप भी ज्यादा होता है और इसको चार्ज भी जल्दी कर सकते हैं तो यदि आपको अपने घर में एक या फिर 2 बैटरी का सोलर सिस्टम लगवाना है.

तो आप इस सोलर बैटरी को जरूर लगाएं और आप नॉर्मल सिस्टम ले रहे हैं तो भी आप सोलर बैटरी जरूर लगाएं क्योंकि मान लीजिए आपके घर में किसी दिन से सप्लाई में दिक्कत आ जाती है तो आप घर में 1 या फिर 2 सोलर पैनल लगाकर और सोलर चार्ज कंट्रोलर लगाकर अपनी बैटरी को सोलर पैनल से भी चार्ज कर सकते हैं.

धीरे-धीरे आप सोलर सिस्टम में भी अपने सिस्टम को बदल सकते हैं तो यह आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है इसका प्राइस भी ज्यादा नहीं होता है बस 1,000 या फिर 2,000 का अंतर देखने को मिलता है

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लिथियम बैटरी अभी कुछ दिनों से ही पॉपुलर हुई है और लेड एसिड बैटरी के मुकाबले लिथियम फास्फेट बैट्री मैं बहुत अंतर है इस लिथियम फास्फेट बैटरी में आपको कोई मेंटेनेंस नहीं करनी है बस आपको एक बार यह बैटरी खरीदनी है और अपने इन्वर्टर के ऊपर लगानी है उसके बाद में इसके ऊपर आपको कुछ भी नहीं करना है कंपनी इस बैटरी के ऊपर आपको कम से कम 15-20 साल की वारंटी दे देती है.

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यदि उस वारंटी के दौरान आपकी बैटरी खराब हो जाती है तो कंपनी आपको रिप्लेश करके दे देती है इस बैटरी का ना वजन ज्यादा है और ना ही इस बैटरी का साइज ज्यादा है तो मान लीजिए आप एक 12 वोल्ट की ओर 100Ah या फिर 150Ah की लिथियम बैटरी लेते हैं तो आप अपने इनवर्टर के ऊपर उस बैटरी को रख सकते हैं वह बिल्कुल ही कम साइज की होती है.

हाँ एक बात है की इस बैटरी का प्राइस ज्यादा है लेकिन इसकी जो लाइफ साइकिल है वह सबसे ज्यादा है और इसका जो बैटरी बैकअप है वह भी सभी बैटरी से ज्यादा है और इस बैटरी का जो सेल्फ रिचार्ज रेट है वह भी बहुत ही कम है हमारी जो लेड एसिड बैटरी होती है इस बैटरी को चार्ज करके रख देते हैं तो यह एक समय के बाद धीरे-धीरे ऑटोमेटिक डिस्चार्ज हो जाती है.

लेकिन हमारी लिथियम फास्फेट बैटरी जो है यह ऑटोमेटिक डिस्चार्ज नहीं होती है बस 1%/2% का ही इसके अंदर अंतर आता है बाकी यह ऑटोमेटिक डिस्चार्ज नहीं होती है तो इस बैटरी के बहुत ज्यादा फायदे हैं और दूसरा इस बैटरी को आप अपने किसी भी इन्वर्टर के ऊपर भी यूज कर सकते हैं और यह बैटरी चार्ज भी बहुत जल्दी होती है हमारी एक जो 150Ah की लेड एसिड बैटरी होती है.

वह चार्ज होने में करीब 5 से 6 घंटे का समय लेती है लेकिन वही हमारी यह जो लिथियम फास्फेट बैटरी है यह चार्ज होने में करीब 2 से 3 घंटे का समय लेती है तो इसमें आपका एक तो चार्जिंग का भी आधा समय बच जाता है और यह लिथियम फास्फेट बैटरी मार्केट में बहुत से कंपनी लेकर आ रही है.

लेकिन इनका प्राइस ज्यादा है तो यदि आपके पास प्राइस ज्यादा है और आप बढ़िया और बिना मेंटेनेंस वाली बैटरी लगवाना चाहते हैं तो आप लिथियम बैटरी की तरफ जा सकते हैं इसमें आपको बहुत ज्यादा फायदे मिलेंगे इसमें आप अपने बिजली बिल में भी काफी बचत ला सकते हैं

घर के लिए कौनसी बैटरी ख़रीदे

यदि बात करें की हमारे घर के लिए हमें कौन सी बैटरी खरीदनी चाहिए तो यह आपके ऊपर डिपेंड करता है यदि आप अपने बिजली बिल से परेशान हो चुके हैं या फिर आपके घर में लाइट कम रहती है आप उसे सोलर पैनल से चार्ज करना चाहते हैं यानी अपने घर का लोड सोलर सिस्टम से चलाना चाहते हैं तो आप ले सकते हैं सोलर ट्यूबलर बैटरी यह आपके लिए बेस्ट है.

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यह बैटरी जल्दी चार्ज हो जाती है और इस बैटरी के ऊपर आप 1 या फिर दो सोलर पैनल लगाकर इसको आराम से चार्ज कर सकते हैं और इसका बैटरी बैकअप ले सकते हैं इसका प्राइस भी ज्यादा नहीं है 2 या फिर 3 हजार का फर्क आपको देखने को मिलेगा तो यदि आपके पास 12 से 13 हजार का बजट है.

तो आप यह सोलर ट्यूबलर बैटरी ले सकते हैं या फिर यदि आपके बैटरी बैकअप की कम जरूरत है. यानि आपके घर में लगभग 24 घंटे लाइट रहती हो कभी कबार कटऑफ मारती है और ऐसे में आपको आध घंटा या फिर 1 घंटे के बैटरी बैकअप के लिए बैटरी की जरूरत है तो आप फ्लैट प्लेट बैटरी भी ले सकते हैं या फिर नॉर्मल बैटरी ले सकते हैं और यदि आपके पास बजट अच्छा है.

आप लिथियम फास्फेट बैटरी लेना चाहते हैं बैटरी बैकअप भी ज्यादा लेना चाहते हैं और अपने बिजली बिल कम करना चाहते हैं तो फिर आप लिथियम फास्फेट बैटरी भी ले सकते हैं इसके फायदों के बारे में मैंने ऊपर बता दिया है

तो यहां पर हमने आपको सभी बैटरीयों के प्रकार बता दिए हैं कि हमारी जो इनवर्टर की बैटरी होती है यह कितने प्रकार की होती है और हमें अपने घर के लिए कौन सी बैटरी खरीदनी चाहिए तो यदि इसके बारे में आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमसे कमेंट करके भी पूछ सकते हैं तो मिलते हैं इसी तरह की नेक्स्ट जानकारी के साथ तब तक के लिए धन्यवाद.

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