Solar Inverter

सोलर इन्वर्टर और सोलर पीसीयू में क्या अंतर है

सोलर इन्वर्टर और सोलर पीसीयू में क्या अंतर है

इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं कि Solar Inverter और Solar PCU में क्या फर्क होता है हमारे घर के लिए हमें कौन सा Solar Inverter या Solar PCU लेना चाहिए और कौन से Solar Inverter या Solar PCU के ऊपर सोलर पैनल ज्यादा लगेंगे बैटरी बैकअप किसका ज्यादा होगा और लोड कौन ज्यादा चलाएगा.

तो इसकी पूरी जानकारी हम आपको यहां पर देने वाले हैं तो काफी सारे लोगों का अक्सर सवाल होता है या फिर काफी सारे लोगों को यह नहीं पता है कि सोलर इनवर्टर क्या होता है और पीसीयू क्या होता है और इन दोनों में क्या फर्क होता है तो इस पोस्ट में हम आपको यह सभी बात क्लियर कर देंगे.

तो यदि आपको भी नहीं पता है कि सोलर इनवर्टर या फिर सोलर पीसीयू क्या होता है तो इस पोस्ट को ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी जरूर पढ़ें और यदि आपको यह जानकारी पसंद आए तो इसे अपने के साथ जरूर शेयर करें और इसी तरह की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें तो चलिए शुरू करते है

Solar Inverter क्या होता है कैसे काम करता है

सबसे पहले हम बात करें की सोलर इनवर्टर क्या है और यह कैसे काम करता है तो सोलर इनवर्टर नॉर्मल इनवर्टर से अगले टेक्नोलॉजी का इनवर्टर है हमारा जो नॉर्मल इनवर्टर होता था वह सिर्फ हमारी फेस सप्लाई से बैटरी को चार्ज करता था और जब हमारी घर में फेस सप्लाई ऑफ हो जाती थी उस वक्त बैटरी से पावर लेकर हमारे घर के लोड को चलाता था.

लेकिन सोलर इन्वर्टर 3 तरफ से हमारे घर के लोड को चलाता है एक तो हमारी फेस सप्लाई से और जब फेस सप्लाई चली जाती है तो हमारे सोलर पैनल से अपने घर के लोड को चलाता है और सोलर पैनल भी यदि लाइट नहीं देते है मान लीजिये रात का समय है और ऐसे में फेस सप्लाई भी नहीं है और सोलर पैनल से भी पावर नहीं आ रही है.

तो फिर बैटरीयों से पावर लेकर हमारे घर के लोड को यह सोलर इन्वर्टर चलाता है और जब बैटरीयों को चार्ज करने की बारी आती है तब भी यह इनवर्टर दो तरफ से बैटरीयों को चार्ज करता है एक तो हमारे सोलर पैनल से और दूसरा हमारे घर में आने वाली लाइट से.तो हमारा जो सोलर इनवर्टर है यह बस यही काम करता है कि सोलर पैनल से बिजली को लेकर हमारे घर के लोड को चलाता है.

और यदि सोलर पैनल लाइट ज्यादा बना देते हैं मान लीजिये हमारे घर में फेस सप्लाई ऑफ है और ऐसे में हमारे घर का 500 वाट लोड इन्वर्टर के ऊपर चल रहा है और सोलर पैनल से हमें 700 वाट लाइट मिल रही है तो ऐसे में फिर जो एक्स्ट्रा 200 वाट है वह हमारी बैटरी के अंदर चली जाली जाएगी यानि 200 वाट से फिर बैटरी चार्ज होने लगती है.

यदि हम 700 वाट का लोड इन्वर्टर के ऊपर चला रहें हैं और सोलर पैनल से हमें 600 लाइट मिल रही है तो ऐसे में फिर 100 वाट हमारी बैटरीयों से लेकर हमारे घर के लोड को चलाता है तो यह सोलर इनवर्टर बस हमारे घर के लोड को चलाता है और बैटरी को चार्ज करता है तो सोलर इनवर्टर से हम अपने घर के बिजली बिल को भी कम कर सकते हैं .

लोड को भी चला सकते हैं लेकिन इसमें हमें कुछ ज्यादा फीचर्स और प्रोडक्शन देखने को नहीं मिलती है.सोलर इनवर्टर का यूज़ लोग ज्यादा इसलिए करते हैं क्योंकि इसका प्राइस ज्यादा नहीं होता है और यह आपको लगभग सभी घरों में देखने को मिलेंगे क्योंकि जहां पर बिजली की कमी होती है और जिसको 1,2 किलो वाट का या फिर 5 किलोवाट तक का लोड चलाना है.

वह अपने घर में सोलर इनवर्टर का यूज करते हैं और इसका प्राइस भी कम होता है और यह डिपेंड करता है कि आपने कौन सी टेक्नोलॉजी का सोलर इनवर्टर लिया है यदि PWM टेक्नोलॉजी का इनवर्टर आपने लिया है तो उसका प्राइस और भी कम होता है और यदि MPPT टेक्नोलॉजी का इनवर्टर लिया है तो इसका प्राइस थोड़ा सा ज्यादा होता है.

क्योंकि PWM टेक्नोलॉजी वाला जो इनवर्टर होता है यह आपकी सोलर पैनल की पावर को पूरी तरह से यूज नहीं कर पाता है क्योंकि इनकी एफिशिएंसी कम होती है लेकिन जो MPPT टाइप के इनवर्टर होते हैं उनकी एफिशिएंसी PWM से 30% ज्यादा होती है और यह आपके सोलर पैनल की पांवर को 30% ज्यादा यूज करते हैं और आपकी बैटरी को भी जल्दी चार्ज करते हैं

Solar PCU क्या होता है कैसे काम करता है

यदि बात करें Solar PCU के बारे में तो Solar PCU की फुल फॉर्म (Power Conditioning Unit) पावर कंडीशनिंग यूनिट होती है एक Solar PCU के अंदर आपको सोलर इनवर्टर के और एडवांस फीचर्स देखने को मिलते हैं जो फीचर्स आपको एक नॉर्मल सोलर इनवर्टर में नहीं मिलते हैं वह सारे फीचर्स आपको एक Solar PCU में मिलती है Solar PCU का इस्तेमाल बड़े-बड़े सोलर सिस्टम में किया जाता है.

जैसे 3 किलो वाट 5 किलो वाट 7 किलो वाट 10 किलो वाट इस तरह से ज्यादा लोड चलाने के लिए और ज्यादा बैटरीयों के लिए PCU का यूज किया जाता है और PCU MPPT टेक्नोलॉजी का होता है इसलिए थोड़ा महंगा होता है और इससे बैटरी जल्दी चार्ज होती है क्योंकि MPPT टेक्नोलॉजी एफिशिएंसी PWM टेक्नोलॉजी से 30% ज्यादा होती है.

इसलिए यह ज्यादा जल्दी बैटरीयों को चार्ज करता है और सोलर पैनल की मैक्सिमम पॉवर को इस्तेमाल करता है और उसको ज्यादा करंट में बदल कर आपकी बैटरीयों को जल्दी चार्ज करता है और आपके लोड को भी चलाता है एक Solar PCU के अंदर आपको तीन मोड देखने को मिलते है पीसीयू मोड़, हाइब्रिड मोड और स्मार्ट मोड तो चलिए अभी इन तीनों मोड के बारे में मैं आपको बता देता हूं कि इनको कैसे यूज कर सकते हैं

1. PCU Mode

PCU Mode की यदि यहां पर हम बात करें तो इस PCU Mode का यूज वहां पर किया जाता है जहां पर बिजली बिल को बचाना हो तो वहां पर आप PCU Mode का यूज कर सकते हैं यह PCU Mode कुछ ऐसे काम करता है कि इसमें Priority सोलर के ऊपर रहती है तो इस PCU Mode में आपके घर का लोड सोलर पैनल से चलेगा मान लीजिये आपके घर का लोड 3 किलो वाट है.

सोलर पैनल 4 किलो वाट लाइट दे रहे हैं तो फिर जो एक्स्ट्रा पावर है उससे आपकी बैटरी चार्ज हो जाएगी और मान लीजिए आपके घर का लोड 4 किलो वाट है और सोलर पैनल 3 किलो वाट लाइट दे रहे हैं तो 1 किलो वाट और पावर की जरूरत होगी लोड चलाने के लिए वह पावर फिर आपकी बैटरीयों से ली जाएगी तो इस तरह से बिजली बिल को बचाने के लिए PCU मोड का यूज कर सकते हैं.

अपने घर के लोड को भी चला सकते हैं यानी की सोलर पैनल का पूरा यूज आप कर सकते हैं और यदि आपके घर का लोड ज्यादा है और सोलर पैनल भी पावर कम दे रहे हैं और आपकी बैटरी भी डिस्चार्ज हो चुकी है और आपके घर में मेन सप्लाई आई हुई है तो फिर ऐसे में यह PCU मोड आपके घर के लोड को सोलर पैनल से आने वाली पावर को यूज करके.

मेन सप्लाई से आने वाली पावर को यूज करके आपके घर के लोग को चलाएगा यानि जितनी पावर सोलर पैनल से आ रही है उतनी पॉवर सोलर पैनल से लेगा और बाकी की जरूरत होगी पावर कि वह आपके ग्रिड से लेगा और आपके घर के लोड को चलाएगा और ग्रिड से ही फिर बैटरी को भी चार्ज करेगा तो इस तरह से यह PCU मोड काम करता है

2. HYBRID MODE

हाइब्रिड मोड की यहां पर हम बात करें तो हाइब्रिड मोड को वहां पर यूज किया जा सकता है जहां पर पावर कट थोड़े ज्यादा हो जैसे की यदि आपके घर में दिन के समय में 10 घंटे लाइट रहती हो या फिर रात के समय में 10 घंटे तक लाइट रहती हो तो ऐसे में आप हाइब्रिड मोड को यूज कर सकते हैं इसमें Priority ग्रिड के ऊपर होती है तो हाइब्रिड मोड में PCU आपके घर के लोड को ग्रिड के ऊपर चल आएगा.

उसके बाद में सोलर पैनल से और उसके बाद में बैटरी से और इस हाइब्रिड मोड में बैटरी ग्रिड और सोलर पैनल दोनों से चार्ज होगी तो मान लीजिए कभी कबार बरसात का मौसम हो और आपकी बैटरी डिस्चार्ज हुई हो और आपके घर में मेन सप्लाई आई हुई हो तो फिर आप इस हाइब्रिड मोड को ऑन कर सकते हैं इससे फिर आपकी बैटरी बिजली से चार्ज हो जाएगी.

बैटरी चार्ज होने के बाद आप मोड़ को चेंज कर सकते हैं तो बैटरी पूरी चार्ज होने के बाद आप अपने घर का सारा लोड रात के समय में बैटरीयों के ऊपर चला सकते हैं और जब तक सोलर पैनल से पावर आएगी तब तक आप सोलर पैनल से अपने घर का लोड चला सकते हैं तो हाइब्रिड मोड का यूज़ बैटरी चार्ज करने के लिए कर सकते हैं

3. SMART MODE

स्मार्ट मोड का इस्तेमाल आप वहां पर कर सकते है जहाँ पर पॉवर कट 5 से 7 घंटे हो यानि की पॉवर कट मीडियम हो तो वहां पर आप इस स्मार्ट मोड का इस्तेमाल कर सकते है इस मोड में Priority सोलर पर रहती है तो दिन के समय में सारा लोड सोलर पैनल के ऊपर चलेगा और जब सोलर पैनल से पावर आनी बंद हो जाएगी.

उस वक्त यदि आपके घर में मेन सप्लाई आई हुई है तो यह PCU आपके घर के सारे लोड को मैन सप्लाई के ऊपर चलाएगा और यदि मेन सप्लाई नहीं है तो फिर आपके घर के लोड को बैटरीयों के ऊपर चलाएगा और यदि सोलर पैनल से पावर आ रही है और घर में फेज सप्लाई भी आई हुई हो तो फिर ऐसे में आपकी बैटरी सोलर पैनल और ग्रिड दोनों से चार्ज होगी

Solar Inverter Vs Solar PCU Difference In Hindi

तो ऊपर हमने आपको सोलर इनवर्टर और पशुओं के बारे में जानकारी दे दी है कि PCU में क्या फर्क होता है और सोलर इनवर्टर में क्या फर्क होता है तो अभी हम बात कर लेते हैं इनके डिफरेंस के बारे में तो यहां पर हम आपको कुछ पॉइंट के मदद से आपको समझाने की कोशिश करेंगे जिससे आप अच्छे तरीके से समझ सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं

1. Battery

बैटरी की बात करें तो बैटरी इनवर्टर या फिर PCU के ऊपर डिपेंड करती है कि वह कितने वोल्ट को सपोर्ट करता है यदि कोई 12 वोल्ट को सपोर्ट करता है तो उसके ऊपर 1 बैटरी लगानी पड़ेगी और यदि 24 वोल्ट को सपोर्ट करता है तो 2 बैटरी लगानी पड़ेगी 36 वोल्ट को सपोर्ट करता है तो 3 बैटरी लगानी पड़ेगी और यदि 48 वोल्ट को सपोर्ट करता है.

तो 4 बैटरी लगानी पड़ेगी और जो इनवर्टर होते हैं वह कम लोड चलाने के लिए यूज किए जाते हैं जैसे कि 3 किलो वाट या फिर 5 किलो वाट तक इससे ज्यादा यदि आपको लोड चलाना है या फिर 5 किलोवाट तक का लोड चलाना है तो आप PCU ले सकते हैं PCU आपके लिए बढ़िया रहेगा क्योंकि यदि आप 5 किलोवाट लोड चलाने के लिए सोलर इनवर्टर लेंगे.

तो वह आपको PWM टेक्नोलॉजी के अंदर मिलेगा और PWM टेक्नोलॉजी सोलर पॉवर को पूरी तरह से यूज नहीं कर पाएंगे क्योंकि PWM टेक्नोलॉजी की एफिशिएंसी 30% कम होती है MPPT के मुकाबले और तो इसलिए यदि आपको ज्यादा लोड चलाना है तो आप PCU को ले सकते है यह आपकी बैटरीयों को भी जल्दी चार्ज करेगा

2. Technology

टेक्नोलॉजी की बात करें तो मैंने जैसे अभी ऊपर बताया जो हमारे सोलर इनवर्टर होते हैं वह दो टेक्नोलॉजी के अंदर आते हैं एक होती है PWM और दूसरी होती है MPPT, PWM टेक्नोलॉजी का जो सोलर इनवर्टर होगा या फिर जो सोलर चार्ज कंट्रोलर होता है इनकी एफिशिएंसी 30% कम होती है इसलिए यह सोलर पैनल की पावर को ज्यादा वेस्ट करते हैं.

हमारी बैटरीयों कम करंट से चार्ज करते हैं जिसकी वजह से इस टेक्नोलॉजी से हमारी बैटरीयों को चार्ज होने में थोड़ा ज्यादा टाइम लगता है जबकि MPPT टेक्नोलॉजी हमारे PCU के अंदर होती है तो यह हमारी बैटरीयों को भी जल्दी चार्ज करता है क्योंकि इसकी एफिशिएंसी से PWM से ज्यादा होती है इसलिए यह बैटरीयों को भी जल्दी चार्ज करता है.

सोलर पैनल की मैक्सिमम पॉवर को यूज करके हमारे घर के लोड को भी चलाता है यानि सोलर पैनल की पूरी बिजली आपको लेनी है तो आपको MPPT टेक्नोलॉजी यूज़ करनी होगी चाहे सोलर इनवर्टर हो या फिर PCU हो तो PCU का एक यह भी फायदा है क्योंकि यह MPPT टेक्नोलॉजी के अंदर ही आते हैं

3. Safety

सेफ्टी कि यदि बात करें तो हमारा जो सोलर इनवर्टर होता है इसमें आपको MCB वगैरा और फ्यूज वगैरह दिए जाते हैं जिससे यदि आप बैटरी के वायर उल्टे लगा देते हैं तो उसकी सेफ्टी आपको मिल जाती है और यदि सोलर पैनल के वायर गलत लगा देते है तो उसकी भी सेफ्टी आपको मिल जाती है और शॉर्ट सर्किट वगैरह के लिए इसमें MCB वगैरह भी काफी सारी कंपनी देती है.

काफी सारी कंपनी नहीं होती है जबकि हमारा जो PCU होता है उसमें आपको बहुत सारी सेफ्टी मिलती है जैसे इसमें सोलर पैनल की अलग से MCB मिल जाती है फेस सप्लाई के लिए अलग से MCB मिल जाती है और सारे इंडिकेटर बगैर आपको फ्रंट में ही डिस्प्ले के ऊपर मिल जाते हैं जिससे आप देख सकते है की सोलर पैनल से कितनी पावर आ रही है.

/कितना लोड आपके PCU के ऊपर चल रहा है कितने वाट आपको सोलर पैनल से मिल रही है बैटरी कितनी लगी हुई है कितनी वोल्टेज बैटरी की हो चुकी है सारी डिटेल आपको मिल जाती है और इसमें अलग-अलग मोड सिलेक्ट करने के लिए आपको अलग-अलग बटन दिए जाते हैं

4. Features

फीचर कि यदि बात करें तो जैसा कि अभी तक मैंने आपको ऊपर बताया आपको पता चल गया होगा कि फीचर किस में ज्यादा होते हैं हमारा जो सोलर इन्वर्टर होता है इसमें आपको कम फीचर्स देखने को मिलते है जबकि हमारा जो PCU होता है इसके फ्रंट में आपको डिस्प्ले मिल जाती है.

जिसमें आप सारी चीजें देख सकते हैं कि कितनी सोलर पैनल से लाइट आ रही है कितना लोड चल रहा है और फेस सप्लाई आई हुई है या नहीं और PCU में आपको 3 मोड देखने को मिल जाते हैं जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया पीसीयू मोड, स्मार्ट मोड और हाइब्रिड मोड ये सेटिंग आप कर सकते हैं तो फीचर के मामले में PCU सही है

6. Price

प्राइज की यदि यहाँ पर हम बात करें तो जैसा कि आपको पता ही होगा हमारा सोलर इन्वर्टर जो होता है यह कम लोड चलाने के लिए होता है और इसमें इतने ज्यादा फीचर नहीं होते है तो इसका प्राइस थोड़ा कम होता है जबकि हमारा PCU जो होता है इसमें आपको ज्यादा फीचर देखने को नहीं मिलते हैं और यह ज्यादा बड़े सोलर सिस्टम के लिए यूज किया जाता है.

तो इसका प्राइस ज्यादा ही होता है तो आपको यदि 5 किलोवाट से या फिर 10 किलोवाट से ज्यादा लोड चलाना है तो आप PCU को ले सकते हैं तो यदि आपके पास बजट कम है तो आप सोलर इनवर्टर को ले सकते हैं और यदि आपके पास बजट ज्यादा है तो आप पीएसयू को ले सकते हैं यह आपके ऊपर डिपेंड करता है

तो यहां पर हमने आपको सारी चीज बता दी है कि सोलर इनवर्टर क्या होता है इसके क्या फायदे हैं सोलर पीसीयू क्या होता है इसमें क्या फीचर वगैरह होते हैं तो यदि इसके के बारे में आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं तो मिलते हैं इसी तरह की नेक्स्ट जानकारी के साथ तब तक के लिए धन्यवाद.

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